प्रेम हे अनंत। निश्चितच।।
छंद हेच प्रेम। असे कुणी माने।
त्या म्हणे दिवाने। दुनियेत।।
त्या म्हणे दिवाने। दुनियेत।।
सरींवर प्रेम। कुणी करतोय।
मुक्त झरतोय। नभासवे।।
मुक्त झरतोय। नभासवे।।
रंगीत ते प्रेम। चितारता पान
कुंचल्याची शान। मिरविते।।
कुंचल्याची शान। मिरविते।।
शब्दांतून प्रेम। ओघळते जेव्हा
किमयाचं तेव्हा। लेखणीची।।
किमयाचं तेव्हा। लेखणीची।।
पुस्तकांचे वेड। म्हणावे का प्रेम?।
वाचन सप्रेम। जे करिती।।
वाचन सप्रेम। जे करिती।।
सुरांतला स्नेह। उतरे गाण्यात
ताल नि छंदात। रंगुनीया।।
ताल नि छंदात। रंगुनीया।।
नात्यातले प्रेम। कितीक वर्णावे।
तयाचे गोडवे। अमर्याद।।
तयाचे गोडवे। अमर्याद।।
प्रीती स्नेह माया। प्रेमाचीच नावे।
साजरे करावे। सोहळेच।।
साजरे करावे। सोहळेच।।
प्रेमदिन आज। नकोत दिखावे।
मनांत फुलावे। प्रेम खरे।।
मनांत फुलावे। प्रेम खरे।।
© डॉ समृद्धी
(14/02/2023)
(14/02/2023)
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